इंदौर में छह साल से अंगद की तरह विभाग में जमे महाभ्रष्ट सहायक खनिज अधिकारी चेन सिंह डामोर ने विभाग के पाँच पाँच पत्र जारी होने के बाद भी  अँचेरा कंस्ट्रक्शन के अवैध उत्खनन पर कार्यवाही क्यो नहीं की ?क्यो खदान की अनुमति अवधि 31 जनवरी ख़त्म होने का इंतज़ार करते रहे! अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा के आदेश की भी डामोर ने धज्जिया उड़ायी 140 करोड़ की खनिज चोरी के मामले में  अपर कलेक्टर ने पूछा था की मोके पर क्रेशर मशीन,प्लांट मौजूद है या नहीं खनिज अधिकारी को मौके पर जाना था स्पाट पर वेरिफिकेशन कर फोटो अपर कलेक्टर को भिजवाना था किंतु डामोर मौके पर गया ही नहीं ! क्रेशर मशीन चोरी होने के मामले में भी डामोर की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता ?क्योकि परसो जब अंचेरा कंस्ट्रक्शन पर अवैध खनन की शिकायत पर कलेक्टर आशीष सिंह अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा द्वारा प्रशासन की टीम बनाकर कार्यवाही के निर्देश दिये तो चैनसिंह डामोर ने छापे की खबर लीक कर मौके से डंपर और मशीन गायब कराकर उसके पार्ट्स तक निकलवा दिये थे! इससे अंदाज़ लगाया जा सकता की 140 करोड़ के मामले में भी मोके से क्रेशर हटवाने में डामोर की भूमिका रही होगी! सबसे अहम सवाल जब खनिज विभाग किसी मामले में कार्यवाही कर रहा हो और उसका डिस्पोजल भी नहीं हुवा उस मामले के कागज मीडिया में कैसे प्रकाशित हो रहे! सूचना का अधिकार नियम भी यह कहता है कि जब तक किसी मामले का निराकरण न हो शासकीय दस्तावेज सार्वजनिक नहीं किये जा सकते है! डामोर के क्षेत्र में जो कार्यवाही हो रही उनके बिना डिपोज़्सल के शासकीय दस्तावेज कैसे निकले यदि आर टी आई में निकले होंगे तो भी विभाग में रिकार्ड होना आवश्यक है! सरकारी दस्तावेज सार्वजनिक कर कार्यालय की गोपनीयता भंग करने के मामले में कलेक्टर आशीष सिंह को कठोर कार्यवाही करना चाहिये क्योकि उक्त विभाग मुख्यमंत्री मोहन यादव जी के पास है कलेक्टर सख्त है ज्योति शर्मा भी ईमानदार है तो कागज सार्वजनिक कर विभाग को कौन बदनाम करना चाहता है इस मामले की जाँच कर सहायक खनिज अधिकारी चैनसिंह डामोर के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही होना चाहिये!