इंदौर: इंदौर में शिवरात्रि धूमधाम से मनाई गई। सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। मंदिरों में विशेष आरती की गई और भक्तों ने जलाभिषेक भी किया। शहर के प्राचीन शिव मंदिरों में भी अनुष्ठान हुए। दर्शन करने आए भक्तों को साबूदाना खिचड़ी का प्रसाद भी बांटा गया। शहर का सबसे पुराना शिव मंदिर देव गुराड़िया में है। इसका निर्माण देवी अहिल्या ने कराया था। इस मंदिर में प्राकृतिक रूप से गाय के मुख से शिव का जलाभिषेक होता है। बुधवार को यहां तीन दिवसीय मेला शुरू हुआ। शिव पार्वती विवाह के लिए मंदिर पर आकर्षक लाइटिंग की गई। इंदौर के गंधेश्वर महादेव मंदिर में सुबह भस्म आरती की गई। इसे देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। 

मंगलवार को महादेव को मेहंदी और हल्दी लगाई गई। इस दौरान महिला श्रद्धालुओं ने नृत्य भी किया। पंचकुइयां स्थित भूतेश्वर मंदिर में भगवान शिव श्मशान के पास विराजमान हैं। इस मंदिर में भगवान के मंदिर में और मुक्तिधाम की दीवार में एक खिड़की बनाई गई है, ताकि महादेव के सामने अंतिम संस्कार किया जा सके। बुधवार को मंदिर में भगवान शिव ने दूल्हे के रूप में भक्तों को दर्शन दिए। नवलखा स्थित मनकामेश्वर कांटाफोड़ मंदिर में भक्तों को साबूदाने का प्रसाद वितरित किया गया। इस मंदिर में बंगाल से आए कलाकारों ने विवाह मंडप तैयार किया। इसमें शिव-पार्वती के विवाह की झांकी सजाई गई। 

मंदिर में एक लाख महामंत्र का जाप भी किया गया। बाणेश्वर महादेव मंदिर में सुबह बाणेश्वर कुंड से शिव बारात निकाली गई। झांकियों के अलावा बारात में भूत-प्रेत का वेश धारण किए कुछ युवक भी नजर आए। क्षेत्र में बारात निकाली गई। जगह-जगह मंच बनाकर बारात का स्वागत किया गया। सुबह से शाम तक शहर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन हुए।