इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की रेस में लगे हुए हैं। भारत को जहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने F-35 लाइटनिंग II का ऑफर दिया है, वहीं पाकिस्तान ने पिछले साल चीन से J-35A पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के अधिग्रहण की घोषणा की थी। यानि दोनों ही देश फिफ्थ जेनरेशन लड़ाकू विमान हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं। लिहाजा सवाल उठ रहे हैं कि अगर दोनों ही देश स्टील्थ फाइटर जेट हासिल कर लेते हैं तो दक्षिण एशिया में कैसे युद्ध का माहौल बदल जाएगा। हालांकि हम किसी युद्ध की कामना नहीं करते हैं लेकिन फिर भी दोनों देशों के बीच अत्याधुनिक हथियारों को हासिल करने की होड़ किसी ना किसी दिन खतरनाक मोड़ पर पहुंच सकती है। ऐसे में सवाल ये हैं कि फर्ज कीजिए किसी दिन भारत और पाकिस्तान के फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट्स किसी युद्ध में फंसते हैं तो क्या होगा? आखिर इस युद्ध का आखिरी विजेता कौन होगा, युद्ध कैसे लड़ा जाएगा, पायलट्स की भूमिका कैसी होगी, इन तमाम सवालों के जवाब आइये जानने की कोशिश करते हैं।

कैसी होगी पांचवीं पीढ़ी के विमानों की लड़ाई?

फर्ज कीजिए कि 2028 में LoC पर भारत और पाकिस्तान में युद्ध छिड़ जाए, जिसमें दोनों देश अपने अपने स्टील्थ लड़ाकू विमानों को तैनात कर दे। भारतीय वायुसेना श्रीनगर से एफ-35ए का एक स्क्वाड्रन उतारती है, जिसका काम भारतीय जमीनी बलों के लिए खतरा पैदा करने वाले पाकिस्तानी वायुसेना के ठिकानों को बेअसर करना होगा। साथ ही, पाकिस्तानी वायुसेना स्कार्दू से जे-35ए तैनात करती है, जिसका मकसद हवाई श्रेष्ठता स्थापित करना और जवाबी हमले में सहायता करना है।

फेज-1: एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट की सबसे बड़ी खासियत दुश्मनों के विमानों का पता लगाना और उनकी सटीक स्थिति पता करना है। इसमें DAS टेक्नोलॉजी है, जो इसे शुरुआती पहचान में बढ़त देते हैं। भारत के नेत्र या फाल्कन सिस्टम जैसे ऑर्बिटिंग AWACS, ग्राउंड-बेस्ड रडार के साथ मिलकर, F-35 को डेटा रिले करेंगे, जिससे उन्हें पाकिस्तान के J-35As को उनके कम RCS के बावजूद उन्हें ट्रैक करने में मदद करेगी। हालांकि पाकिस्तान के जे-35 फाइटर जेट को चीनी KJ-500 AWACS या पाकिस्तान के ZDK-03 से समर्थन मिलेगा, जिससे वो भारत के F-35 का पता लगाने के लिए अपने AESA रडार और ग्राउंड स्टेशनों के साथ डेटा-लिंक पर निर्भर करेंगे। लेकिन F-35 के पास बेहतरीन इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताएं-दुश्मन के सेंसर को जाम करने की क्षमता है, लिहाजा पाकिस्तानी एयरफोर्स भारत के एफ-35 फाइटर जेट की काफी देर से पहचान कर पाएंगी। जिससे युद्ध में पहला हमला करने की क्षमता भारत के पास होगी।

फेज-2 की लड़ाई में क्या होगा?

IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक फेज-2 की लड़ाई में दृश्य-सीमा से परे टेक्नोलजी, जिसे BVR कहा जाता है, उसकी ताकत काम में आएगा। लेकिन इसमें दोनों ही फाइटर जेट्स शानदार हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि F-35 का AIM-120D (रेंज ~180 किमी) और सेंसर फ्यूजन J-35A के PL-15 से बेहतर हो सकता है। इसके अलावा इंडियन एयरफोर्स के पायलट सैटेलाइट के जरिए डेटा हासिल करने लगेंगे और उनके पास जमीन पर मौजूद नेटवर्क से मिल रहे डेटा से फायदा उठाने का शानदार मौका होगा। अगर पाकिस्तानी J-35A मिसाइलों की एक बौछार लॉन्च करते हैं, तो भारतीय वायुसेना AIM-120D मिसाइल के साथ जवाबी कार्रवाई कर सकती है। लेकिन ये मिसाइल कितनी कारगर होगी ये J-35A के रडार और चीन की मिसाइल गाइडेड टेक्नोलॉजी पर निर्भर करती है। F-35 की स्टेल्थ और काउंटरमेशर्स (जैसे, टो किए गए डिकॉय) विमान के सामने आने वाले कई खतरों को बेअसर कर सकते हैं, जबकि J-35A का ट्विन-इंजन डिजाइन उस वक्त कारगर साबित होंगे, अगर फाइटर जेट को किसी मिसाइल ने हिट कर दिया है।

फेज-3 की लड़ाई में क्या होगा?

IDRW की रिपोर्ट में कहा गया है कि दृश्य-सीमा के भीतर की हवाई लड़ाई अगर लड़ाई दृश्य-सीमा (WVR) के भीतर आ जाती है, तो पाकिस्तानी J-35A की चपलता और जोर-वेक्टरिंग क्षमता, भारतीय F-35 की गतिशीलता को चुनौती दे सकती है, जो हवाई कलाबाजी पर सीक्रेट रहने को प्राथमिकता देती है। यानि चीनी फाइटर जेट कलाबाजियां खाने में माहिर है और अमेरिकी एफ-35 गुप्त रहने में माहिर है। भारतीय F-35 का हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले और AIM-9X साइडवाइंडर ऑफ-बोरसाइट निशाने पर हमला करने की बेजोर क्षमता प्रदान करते हैं, लेकिन पाकिस्तानी J-35A में भी कुछ ऐसी ही क्षमताएं हैं। जो खेल के मैदान को बराबरी पर लाती है। ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है पायलटों की ट्रेनिंग। युद्ध का अंजाम इस बात पर तय होगा कि दोनों देशों के पायलटों की ट्रेनिंग कैसी होती है। भारत के अनुभवी इंडियन एयरफोर्स कैडर रेड फ्लैग जैसे अभ्यासों से कठोर हो गए हैं और पाकिस्तानी एयरफोर्स के पायलट्स को मात दे सकते हैं, क्योंकि उनके पास युद्ध की ट्रेनिंग चीनी ट्रेनर्स से मिली हैं, जिनके पास वास्तविक युद्ध का अनुभव नहीं है।

फेज-4: युद्ध का आखिरी नतीजा क्या निकल सकता है?

फेज-4 की लड़ाई में भारत के ग्राउंडेड एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जो दुनिया का सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम है। इसके अलावा भारत के पास राफेल फाइटर जेट और Su-30MKls फाइटर जेट होंगे, जो इस युद्ध के तराजू को भारत के पक्ष में झुका सकता है। इसके अलावा युद्ध इस बात पर भी निर्भर करेगा कि दोनों देश कितनी संख्या में विमान खरीदते हैं। माना जा रहा है कि भारत कम के कम एफ-35 के दो स्क्वाड्रन बनाएगा, जबकि पाकिस्तान ने J-35A का एक स्क्वाड्रन बनाने की फैसला किया है। लिहाजा आखिरी समय में भारत यहां आसानी से बाजी मार लेगा, क्योंकि भारत के पास ज्यादा फिफ्थ जेनरेशन लड़ाकू विमान होंगे। इसके अलावा पाकिस्तान एक और जिस बड़ी चुनौती का सामना करेगा वो है इन फाइटर जेट्स का मेंटिनेंस, जिसमें फाइटर जेट्स को खरीदने जितना ही खर्च आता है। लिहाजा क्या पाकिस्तान लगातार अरबों रुपये मेंटिनेंस पर खर्च करता रहेगा, ये बहुत बड़ा सवाल है। क्योंकि अमेरिका एफ-35 के मेंटिनेंस में अमेरिका के भी माथे पर पसीने आ जाते हैं। लिहाजा भारत को फिर भी किसी तरह मेंटिनेंस कर लेगा, लेकिन क्या पाकिस्तान लगातार ऐसा कर पाएगा?