भोपाल । कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी अब मोर्चा और प्रकोष्ठ की समीक्षा करने जा रहे हैं। कौन-सा मोर्चा सक्रिय हैं और कौन-सा नहीं, इसको लेकर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उस आधार पर इनमें बदलाव किया जाएगा। वैसे भी अधिकांश मोर्चा और प्रकोष्ठ ठंडे पड़े हुए हैं।
कोई भी पार्टी अपने साथ मोर्चा और प्रकोष्ठ के माध्यम से ऐसे वर्ग को जोडऩे की कोशिश करती है, जो राजनीतिक आयोजनों से दूर रहता है या फिर राजनीति से कोई मतलब नहीं रखता। जातिगत, पेशेवर और युवाओं तथा महिलाओं को पार्टी से जोडऩे के लिए इस प्रकार के मोर्चा-प्रकोष्ठ बनाए जाते हैं, लेकिन ये भी राजनीतिक गुटबाजी में बंधकर रह जाते हैं। इसी को लेकर अब प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी मोर्चा और प्रकोष्ठ के कामों की समीक्षा कर रहे है। सभी मोर्चा और प्रकोष्ठ पूर्व मुख्यमंत्री और अध्यक्ष कमलनाथ के समय से बने हुए हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश निष्क्रिय हैं। पटवारी का मानना है कि जिस उद्देश्य के साथ इनका गठन किया जाता है, उसको लेकर कोई प्रयास नहीं किए जाते और संगठन से नए लोग नहीं जुड़ते हैं। संगठन की मजबूती के क्रम में यह काम किया जाएगा। जल्द ही समीक्षा पूरी करने के बाद इन मोर्चा-प्रकोष्ठों में नए चेहनों को शामिल किया जाएगा। वैसे पटवारी द्वारा प्रदेश कार्यकारिणी, प्रवक्ता या अन्य नियुक्तियों के मामलों में जिस तरह से बवाल मचा था, उससे पटवारी ही नहीं चाहते कि इन नियुक्तियों में कोई जल्दबाजी हो।