समाजवादी ने बाबा साहब आंबेडकर का सम्मान करना कब से शुरू कर दिया?
सीएम ने कहा- आंबेडकर स्मारकों को तोड़कर विवाह भवन बनाना चाहती थी सपा
लखनऊ। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी से पूछा कि समाजवादियों ने डॉ आंबेडकर का सम्मान कब से करना शुरू कर दिया?’ उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने अपने कार्यकाल में कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया और आंबेडकर स्मारकों को तोड़कर विवाह भवन बनाने की योजना बनाई थी। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधानसभा में अपने भाषण में योगी ने सपा पर निशाना साधते हुए उस पर डॉ आंबेडकर, कांशीराम और अन्य दलित नेताओं के योगदान की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि आप समाजवादी कब से आंबेडकर को सम्मान देने लगे? आपने तो कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया था। 2012 में जब आपकी सरकार बनी थी, तब तत्कालीन सीएम ने कहा था कि आंबेडकर जी और अन्य सामाजिक न्याय के महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों को तोड़कर विवाह भवन बना देंगे। उन्होंने सपा सरकार के दौरान हुए ‘गेस्ट हाउस’ कांड और महिलाओं के प्रति पार्टी के रवैये की भी तीखी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि 2 जून 1995 को, जब बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की, तो सपा नेता और कार्यकर्ता गेस्ट हाउस पहुंच गए जहां वह अपनी पार्टी नेताओं से मिलने वाली थीं और कथित तौर पर उन पर हमला किया गया। मायावती को बीजेपी नेताओं ने गेस्ट हाउस से बाहर निकाला था। बाद में राज्यपाल ने मुलायम सरकार को बर्खास्त कर दिया और मायावती को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।
योगी ने कहा कि सपा के कार्य को दुनिया ने अपनी आंखों से देखा है। उसको कहीं से भी क्लीन चिट मिल जाए फिर भी वे अपने पाप छुटकारा नहीं पा सकते हैं। सपा के इस आचरण से तो हर सभ्य समाज हमेशा व्यथित रहा है। उन्होंने कहा कि यह साल भारत के संविधान का अमृत महोत्सव का साल है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी 1950 को लागू हुए संविधान के 75 साल पूरे होने के अवसर पर बाबा साहब आंबेडकर और अन्य संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि देने का अवसर पर भी है।
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पंच तीर्थों का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की ‘डबल इंजन’ सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिनमें लखनऊ में आंबेडकर के नाम पर एक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण और संविधान दिवस समारोह का आयोजन शामिल है। उन्होंने कहा कि अन्य प्रमुख पहल में बहराइच में महाराजा सुहेलदेव का विजय स्तम्भ स्मारक और श्रृंगवेरपुर में भगवान राम के साथ निषाद राज गुहा की 56 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण शामिल है, जो एक कॉरिडोर परियोजना का हिस्सा है। उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर के सम्मान में एक योजना और संत कबीर और संत रविदास के लिए समर्पित कार्यक्रमों सहित आगामी परियोजनाओं की भी घोषणा की।
सीए ने कहा कि पहली बार 24 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाया गया। सरकार ने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना शुरू की, जिसने उत्तर प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों को नई पहचान दी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि काला नमक चावल, जिसे भगवान बुद्ध का प्रसाद कहा जाता है, सरकार ने विशेष पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि ‘एक जिला एक उत्पाद’ ने यूपी के निर्यात को बढ़ाया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अयोध्या में सनातन धर्म संग्रहालय के लिए भूमि अधिग्रहित कर ली गई है, जिसमें दुनिया भर के मंदिरों की वास्तुकला को प्रदर्शित किया जाएगा।